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Sunday, February 26, 2012

gardish

गर्दिश में चल रहें हमारे सितारे हैं
उन्हें क्या याद करे जो न थे न हमारे हैं




जो न थे न हमारे हैं
वो चला गया जिसे जाना था



रह गया वो जिसके साथ हम अनजाने थे
कोई नहीं था ये सोचा था हमने पर

पता नहीं था की वो बेगाने ही हमारे हैं
वो बेगाने ही हमारे हैं

Thursday, February 16, 2012

कोई गिला नहीं

खुश हूँ बहुत आज क्योंकि
दुखी होने के लिए कोई दुःख बचा नहीं

कोई चला गया तो चला जाये
मुझे अब तक कोई अपना मिला नहीं

क्यूं किसी के लिए बहाऊँ आँसूं
जो चला गया उसे अब तलक कोई गिला नहीं

जाने वाले को कौन रोक पाया है
जाये जिसे जाना है जहाँ, मुझे कोई शिकवा नहीं

साथ जो दे दे दो पल मेरा वो
चार पलों के बाद रहा नहीं

- शिखा "परी"

Tuesday, January 17, 2012

"मेरी माँ"

हमने यह एक फिल्म में सुना था
आज खुश तो बहुत होगे तुम ..मेरे पास बँगला है गाड़ी है तुम्हारे पास क्या है ......................
"मेरे पास माँ हैं "


"माँ" कितना सुन्दर शब्द है दिल को छू देने वाला शब्द। माँ एक नए जीवन को अपने गर्भ में नौ महीने रखती है । वो ख्वाबों को हकीकत में बदलती है।
माँ को करीब से मैंने तब जाना जब पिता कि मृत्यु हुयी। ऊनकी छवी को बहुत करीब से जाना।
" मेरी माँ प्यारी माँ भोली माँ "

- शिखा "परी"