कहते हैं इंसान को अपनी पिछली ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत लगती है। पर सच तो ये है ज़िन्दगी कभी ख़ूबसूरत नहीं होती। बस कुछ यादें उन्हें ख़ूबसूरत बना देती हैं।
पिछली ज़िन्दगी को भुलाना मुश्किल होता है पर सच तो ये है की ज़िन्दगी को दोहराया ही नहीं जा सकता, क्योंकि उसे दोहराना मुश्किल होता है।
ज़िन्दगी कभी एक सी नहीं होती कहीं छांव तो कहीं धूप सी भी होती है बस चलते रहो दुनिया में, ज़िन्दगी की यही रीत होती है।
- शिखा "परी"
7 comments:
जिंदगी के बारे में सही कहा है आपने,
shikha -i think you are right .great thinking .have a nice day .
मैं आपसे सहमत नही हुॅ। जिन्दगी हमेशा खुबसुरत होती है। बस देखने वालों का नजरिया अलग अलग होता है। कुछ इस तरह कि एक ग्लास में आधा ग्लास पानी है। कुछ लोग उसे आधा खाली कहेगें और कुछ लोग उसे आधा भरा हुआ। आशा है अन्यथा नही लेगीं। आभार।
ज़िंदगी को जिस नजर से देखेंगी वैसी ही दिखाई देगी ,सुंदर रचना बधाई
सच कहा...बस चलते रहो.
आप सब की शुक्र गुजार हूँ.
very nice thinking
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