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Thursday, August 15, 2013

क्या हम आज़ाद है???


अभी –अभी 15 अगस्त बीता है,हमने 67 साल पूरे कर लिए आजादी के देखके बहुत ख़ुशी होती है. सबके मुंह से सुनके बहुत अच्छा लगता है की अब हम आज़ाद हैं, अंग्रजों की गुलामी से हमें आजादी मिल गयी है , पर सोचने वाली बात है क्या हम सच में पूरी तरह आज़ाद हैं??
 इस प्रश्न पे मुझे संदेह होने लगता है, आज भी हम रोटी-दाल, छोले भटूरे से ज्यादा पिज़्ज़ा,बर्गर खाते हैं पसंद भी करते हैं, लंदन से आई कटरीना को शीला बनाके उसकी जवानी पे थिरकते हैं, अमेरिका की सनी लेओनी की खूबसूरती  देखके तमाम लड़कों का दिल धड़क उठता है,वेस्टर्न कल्चर या फिर उसी में ढले लोगों की इज्ज़त इतनी ज्यादा बढ़ रही है इंडिया में की बस पूछिए मत. फसबुक ,ट्विटर पे भी हम “वासप”,”हओव्स यू डूड”चिक्क”,चैम्प”,इन शब्दों का प्रयोग करते हैं, जो नहीं करते उन्हे भी हम अपने अंदाज़ में गालिया देते हैं जैसे की ऐर्लेस,डाउनमार्केट आदि कहके गाली देते हैं. कभी-कभी शक होता है क्या हम सचमुच स्वतंत्र हैं या फिर अभी भी अंग्रेजों की गुलामी कर रहे हैं. इंडिया में आज भी तमाम ऐसी लड़कियां हैं जिन्हे काम की सख्त ज़रूरत है, ऐसा नहीं है इंडिया के लोगों की यहाँ खूबसूरती की कमी है या फिर यहाँ का खाना ख़राब है ,क्यूँ हम अंग्रेजों की चमक –धमक से इतना प्रभावित हैं?...
एक तरफ हम कहते हैं “UNITED WE STAND DIVIDED WE FALL”.पर फिर भी आपस में भेदभाव करते हैं, भेदभाव  तो हम सब में हैं अगर कोई मुंबई चला गया तो उसकी वाह –वाही होती है कोई यूपी या बिहार जाता है तो उसे देहाती कहा जाता है, दोस्तों सिर्फ कहने से कुछ नहीं होगा हमे खुद को सच में आज़ाद करना होगा इन झूठी वाह –वाही  से इन झूठी  चमक –धमक से तभी हम सच में आज़ाद होंगे..... साथ में बोले वन्दे मातरम ..!!!!!!!!

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