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Monday, August 15, 2011

कागज़ के फूल

कागज़ के उन बिखरे टुकड़े की याद आज भी है मेरे पास
तुम्हे
तो शायद एहसास होगा
कि
इस कदर राहें मुड़ जाया करती है
कहने
को तो वो चन्द कागज़ के टुकड़े ही थे
पर
शायद उन कागज़ के टुकडो में
छिपी
थी किसी की तस्वीर

उस
तस्वीर में छिपी थी तेरी तस्वीर
वो
तस्वीर जो हमारे जीवन की शुरुवात थी
क्या
याद है तम्हे वो अनछुए से पल
उस
जीवन के बीते हुए हसीं तस्वीरो की

वो
झलक तक तुम्हारे पास अब नहीं आती होगी तुम्हे
उन
तस्वीरों में कुछ ख़ास था हमारा एहसास था
पर
आज वो एक तस्वीर मेरे लिए
एक
पिछले समय की याद बनके है

वो
समय कभी लौट के नहीं सकता
पर
शायद उसकी याद हमेशा मेरे दिल में रहेगी
"काश
तुम्हे ये एहसास हो पाता"....

- शिखा वर्मा"परी"

11 comments:

ana said...

bahut sundar likha hai aapne....abhar

ana said...

bahut sundar likha hai aapne....abhar

!!अक्षय-मन!! said...

waah bahut hi khubsurat ehsason se bhare sare shabd...

Priyanka Trivedi said...

really very gr8 n touching dear...... gr8 thought......

Shahid Ajnabi said...

दिल को छूने वाली नज़्म पढने को मिली...

DR. ANWER JAMAL said...

Nice post .

और देखिए एक भेंट आपके लिए

मेंढक शैली के हिंदी ब्लॉगर्स के चिंतन का स्टाइल

जब तक नेता मेंढक प्रवृत्ति नहीं त्यागेंगे तब तक वे सबके कल्याण की बात सोच ही नहीं सकते।

विभूति" said...

बहुत ही सुन्दर शब्दों से रची रचना....

कविता रावत said...

वो समय कभी लौट के नहीं आ सकता
पर शायद उसकी याद हमेशा मेरे दिल में रहेगी
"काश तुम्हे ये एहसास हो पाता"....
..बड़ी कसक होती है इस काश में...
बीते लम्हें वापस तो नहीं आते लेकिन उनकी ताजगी या दर्द बराबर महसूस होती है..
बहुत बढ़िया लगी कविता..
हार्दिक शुभकामनायें!

केवल राम said...

वो झलक तक तुम्हारे पास अब नहीं आती होगी तुम्हे
उन तस्वीरों में कुछ ख़ास था हमारा एहसास था
पर आज वो एक तस्वीर मेरे लिए
एक पिछले समय की याद बनके है

यादें तो बस यादें हैं ....यह जीवन को हमेशा जीवंत बनाये रखती हैं .....आपका आभार

Shikha 'Pari' said...

sab ka hardik abhinandan.............

vijay kumar sappatti said...

maine saari nazme padhi , ye sabse pyaari nazm hai .. mujhe iske shabd bahut choo gaye .

thanks
vijay