तुम्हे तो शायद एहसास न होगा
कि
इस कदर राहें मुड़ जाया करती है
कहने को तो वो चन्द कागज़ के टुकड़े ही थे
पर शायद उन कागज़ के टुकडो में
छिपी थी किसी की तस्वीर
उस तस्वीर में छिपी थी तेरी तस्वीर
वो तस्वीर जो हमारे जीवन की शुरुवात थी
क्या याद है तम्हे वो अनछुए से पल
उस जीवन के बीते हुए हसीं तस्वीरो की
वो झलक तक तुम्हारे पास अब नहीं आती होगी तुम्हे
उन तस्वीरों में कुछ ख़ास था हमारा एहसास था
पर आज वो एक तस्वीर मेरे लिए
एक पिछले समय की याद बनके है
वो समय कभी लौट के नहीं आ सकता
पर शायद उसकी याद हमेशा मेरे दिल में रहेगी
"काश तुम्हे ये एहसास हो पाता"....
- शिखा वर्मा"परी"
11 comments:
bahut sundar likha hai aapne....abhar
bahut sundar likha hai aapne....abhar
waah bahut hi khubsurat ehsason se bhare sare shabd...
really very gr8 n touching dear...... gr8 thought......
दिल को छूने वाली नज़्म पढने को मिली...
Nice post .
और देखिए एक भेंट आपके लिए
मेंढक शैली के हिंदी ब्लॉगर्स के चिंतन का स्टाइल
जब तक नेता मेंढक प्रवृत्ति नहीं त्यागेंगे तब तक वे सबके कल्याण की बात सोच ही नहीं सकते।
बहुत ही सुन्दर शब्दों से रची रचना....
वो समय कभी लौट के नहीं आ सकता
पर शायद उसकी याद हमेशा मेरे दिल में रहेगी
"काश तुम्हे ये एहसास हो पाता"....
..बड़ी कसक होती है इस काश में...
बीते लम्हें वापस तो नहीं आते लेकिन उनकी ताजगी या दर्द बराबर महसूस होती है..
बहुत बढ़िया लगी कविता..
हार्दिक शुभकामनायें!
वो झलक तक तुम्हारे पास अब नहीं आती होगी तुम्हे
उन तस्वीरों में कुछ ख़ास था हमारा एहसास था
पर आज वो एक तस्वीर मेरे लिए
एक पिछले समय की याद बनके है
यादें तो बस यादें हैं ....यह जीवन को हमेशा जीवंत बनाये रखती हैं .....आपका आभार
sab ka hardik abhinandan.............
maine saari nazme padhi , ye sabse pyaari nazm hai .. mujhe iske shabd bahut choo gaye .
thanks
vijay
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