आजकल
वर्चुअल लाइफ(virtual life) का भूत सब के सर पे चढ़ के बोल रहा है ,इसका
मुख्य कारण फेसबुक(facebook) ,व्हाट्सएप (whatsapp)जैसे सोशल नेटवर्किंग
साइट्स से बढ़ावा मिल रहा है .लोग अब अपने दोस्तों से मिलने जुलने की जगह 5
या 6 महीने के बाद फेसबुक से हाई कहना पसंद करते हैं,हे डूड(Hey Dude)!!(
,वास अप? (Wassup?) जैसे शब्दों के प्रयोग से लोग आज खुद को बढती भागती
दुनिया का हिस्सा बड़े गर्व से मानते हैं. घरेलु
महिलायें भी जो परदे के पीछे छुपी रहती थी आज फेसबुक व्हाट्स अप के ज़रिये
खुद की इच्छाओं को प्रदर्शित कर रही हैं, जहाँ पहले साड़ी ,सलवार सूट में
बढ़ने वाली महिलाएं आज जीन्स टी –शर्ट पहन के खुद को नयी सदी के साथ बढ़ता
देख रही हैं, यानी परदे के पीछे इंसान कुछ और है दिखा कुछ और रहा है ,अपनी
तस्वीरों के ज़रिये इस महंगी, भागती दौड़ती ज़िन्दगी में भी वो खुद को खुश
दिखने का नाटक कर रहा है,एक तरफ महंगाई मार रही है उसे पर फेसबुक पे वो दो
पल के लिए ख़ुशी पोस्ट कर रहा है......यानी हैं कुछ और दिखा कुछ और रहे हैं
........सही भी है आखिर इस महंगी भागती दौड़ती दुनिया में इंसान करे भी तो
क्या करे??हाहाह
1 comment:
आपने बहुत ही शानदार पोस्ट लिखी है. इस पोस्ट के लिए Ankit Badigar की तरफ से धन्यवाद.
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