तुम कुछ इस तरह से मेरी ज़िन्दगी में आये
कि हर शाम इक सुबह लगती है
हर आग शमा लगती है
मेरी दुनिया में कुछ यूँ छाये
कि ज़िन्दगी तेरे ही नाम कि लगती है
बस अब मत जाना यहाँ से
क्योंकि
मेरी हर रात तेरी आहट से कटती है...
- शिखा वर्मा "परी"
6th Apr. 2010
6th Apr. 2010
1 comment:
बहुत शानदार
देखें दुनाली पर
लादेन की मौत और सियासत पर तीखा-तड़का
Post a Comment