1983 के ऐतहासिक वर्ष के बाद 2011 वर्ष एक बार फिर खेल जगत में अपने देश का परचम लहरा कर साबित किया भारत श्रेष्ठ है। भारतीय किसी भी कम नहीं हैं। विश्व विजेता भारत ने एक शानदार पारी खेलकर हमारा ह्रदय गर्व से ऊंचा कर दिया है। इन सभी खिलाडियों के खेल की दाद देनी पड़ेगी क्रिकेट के खेल के साथ भारत का सीना ऊंचा किया है इन्होने। आईये हम इन्हें बधाई दें मिलके।
2 अप्रैल 2011 के उस ऐतहासिक दिन की याद हमारे दिल से कभी नहीं मिटेगी। ये दिन हमारे ह्रदय में एकता का प्रतीक बनके रहेगा। बड़े- बड़े शहरों की बात हो या फिर गाँव और कस्बों की हर तरफ जीत का परचम लहरा रहा था, हिन्दू ,मुस्लिम, सिख, ईसाई सब आपस में मिलके भारतीय बनके एक धागे में पिरे थे। मेरा कहना है की क्या ये खेल हमारे एक होने का कारण था ? अगर हाँ तो हर दिन एक वर्ल्ड कप होना चाहिए। जिससे सब एकता के उस धागे में बंधे रहें। आईये हम मिल के भारत के भारतीय बनें और प्यार और स्वतंत्रता के उस डोर में बांध जाएँ जो हमेशा से हमारी जरुरत है। आईये कहें-
"भारत हमको जान से प्यारा है
सबसे प्यारा गुलिस्तान हमारा है"
- शिखा वर्मा "परी" , कानपुर
5 comments:
एकता का वर्ल्ड कप २०११ क्या बात है
Nice post.
लखनऊ से अनवर जमाल .
लखनऊ में आज सम्मानित किए गए सलीम ख़ान और अनवर जमाल Best Blogger
GREAT DEAR,,,,,,,,,, VERY WELL WROTE,,............
shubh kamnaye
shikha aisa blog bnana mujhe bhi sikha do
Post a Comment